विज्ञान मॉडल पेपर 2022 कक्षा 10 खण्ड-ग (जीव विज्ञान) हल सहित

विज्ञान मॉडल पेपर 2022
कक्षा 10
खण्ड-ग (जीव विज्ञान)

9. (क) निम्नलिखित क्रियाओं में से किसमें ऑक्सीजन निकलती है?

(a) प्रकाश-संश्लेषण

(b) ऑक्सी-श्वसन

(c) अनॉक्सी-श्वसन

(d) उत्सर्जन

उत्तर (a) प्रकाश-संश्लेषण

(ख) एक तंत्रिका कोशिका का ऐक्सॉन अगली तंत्रिका कोशिका के डेंड्राइटों के समीप होता है? दो तंत्रिका कोशिकाओं की इस संधि को क्या कहते हैं?

(a) सिनेप्स

(b) संवेदी तंत्रिकाएँ

(c) मिश्रित तंत्रिकाएँ

(d) प्रेरक तंत्रिकाएँ

उत्तर (a) सिनेप्स

(ग) ओजोन का अणुसूत्र है

(a)  O3


(b) O2

 

(c) O


(d) O4


उत्तर (a) O3

(घ) सौर कुकर के पृष्ठ भाग को कौन-से रंग से पोता जाता है ताकि वह अधिक-से-अधिक ऊष्मा को अवशोषित कर सके ?

(a) सफेद

(b) पीला

(c) लाल

(d) काला

उत्तर (d) काला

10. (क) श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा  स्थलीय जीव किस प्रकार लाभप्रद है?

उत्तर. जलीय जीव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का श्वसन के लिए उपयोग करते हैं। जल में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम है। इसलिए जलीय जीवों के श्वसन की दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा अधिक तेज़ होती है।

(ख) एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइये तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।

उत्तर :

न्यूरॉन के कार्य-(i) संवेदी कार्य-न्यूरॉन उद्दीपन ग्रहण करते हैं तथा इसे मेरुरज्जु और मस्तिष्क (CNS) को प्रेषित करते हैं।
(ii) न्यूरॉन संयुक्त रूप से उद्दीपन का विश्लेषण करते हैं एवं शरीर के कार्यों का नियंत्रण व समन्वय करते हैं।
(iii) न्यूरॉन सूचना/संदेश को मस्तिष्क से प्रभावित अंग तक पहुँचाते हैं। ये मोटर तंत्रिकाएँ होती हैं। न्यूरॉन प्रतिवर्ती क्रियाएँ करते हैं जो अचानक और तीव्र प्रतिक्रियाएँ होती हैं।

(ग) विखण्डन द्वारा प्रजनन क्रिया को समझाइए।

उत्तर. जीव दो या दो से अधिक भागों में विभक्त होकर नये जीवों का निर्माण करें तो यह क्रिया विखंडन कहलाती है। इसके दो भाग हैं- (i) द्वि-विखंडन तथा (ii) बहु-विखंडन।
जैसे - अमीबा, हाइड्रा आदि

11. (क) जीवाश्मी ईंधन की क्या हानियाँ हैं?

उत्तर. (i) जीवाश्म ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत हैं जो कि सीमित हैं।
 (ii) इसके ज्वलन से कार्बन, नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड्स उत्पन्न होते हैंजो स्वस्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। ये जल और भूमि संसाधनों पर भी बुरा प्रभाव डालता है।
 (iii) कार्बन डाइऑक्साइड ग्रीन हाउस प्रभाव से वातावरण तापमान में वृद्धि होती है।

अथवा

ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है?

यह ऑक्सीजन के तीन अणुओं की सूर्य के प्रकाश (UV rays) की उपस्थिति में अभिक्रिया द्वारा बनती है। ओजोन पृथ्वी की सतह पर एक आवरण बनाती है जो पराबैंगनी विकिरणों से बचाती है। क्योंकि पराबैंगनी विकिरण हमारे लिए बहुत हानिकारक है। इस प्रकार यह पारितंत्र को नष्ट होने से बचाती है।

(ख) संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य के परियोजना के क्या लाभ हो सकते हैं? 

उत्तर. 1) यह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए ज़रूरी है। 
2) जैविक विविधता बनी रहे।
 3) यह भूमि के कटाव को रोकते हैं। 
 4) वन्य जीवन के संरक्षण के लिए और उन्हें आश्रय प्रदान करने के लिए।


अथवा


मूत्र बनने की मात्रा का नियमन किस प्रकार होता है?

उत्तर. (1) जल की मात्रा पुनरावशोषण शरीर में उपलब्ध अतिरिक्त जल की मात्रा पर तथा कितना जल की मात्रा पर तथा कितनी विलेय वयं उत्सर्जित करना है, पर निर्भर करता है।
(2) जैसे गर्मी के दिनों में शरीर से अत्यधिक पसीने के द्वारा जल एवं लवण निष्कासित होते हैं। इसलिए वृक्क के द्वारा छने हुए मूत्र में विद्यमान जल एवं लवण की अधिकांश मात्रा पुनः अवशोषित कर ली जाती है। अतः मूत्र कम मात्रा में उत्सर्जित होते हैं, इसके विपरीत सर्दियों में कम पसीना आता है, इसलिए मूत्र अधिक बनता है। जल एवं लवण पुनरवशोषण हार्मोन के द्वारा नियंत्रित होते हैं।
(3) अतः मूत्र निर्माण पर नियंत्रण रक्त के ऑसमोटिक सन्तुलन को भी बनाए रखता है।

12. प्रकृति में जल-चक्र को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर. जल चक्र का तात्पर्य पृथ्वी के स्थल मंडल, जल मंडल तथा वायुमंडल के बीच होने वाले जल के चक्रीय प्रवाह से है।जल एक चक्र के रूप में महासागर, से धरातल पर और धरातल से महासागर तक पहुँचता है। इसमें, जल के विभिन्न स्रोतों से जीवों के बीच जल का आदान प्रदान भी शामिल है। निम्न चित्र के माध्यम से जल चक्र को समझा जा सकता है।
जल चक्र में वाष्पीकरण, वाष्पोत्सर्जन, संघनन, वर्षन, अंतःस्पंदन, अपवाह तथा संग्रहण की प्रक्रिया शामिल है। वाष्पीकरण के तहत गर्मी के प्रभाव से धरातल अथवा समुद्र का जल वाष्प बनकर उपर उठता है, वहीं वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया जीवित प्राणियों में होती है। इनसे बनने वाला वाष्प संघनन की क्रिया के द्वारा बादल में परिवर्तित हो जाता हैं, फिर वर्षण की प्रक्रिया के द्वारा बादल के रूप में संगृहीत जल वर्षा की बूंदों तथा हिमपात के रूप में नीचे गिरता है।

पुनः ये जल या तो अंतःस्पंदन की प्रक्रिया द्वारा भूमि के नीचे रिसता हैं अथवा अपवहन की प्रक्रिया द्वारा धरातलीय स्रोतों से बहते हुए बड़ी जल निकायों में संगृहीत होता है। पुनः यह संगृहीत जल वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा वायुमंडल मे निर्गमित होता है। इस प्रकार जल चक्र की प्रक्रिया पूरी होती है।

अथवा

संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है?

उत्तर. मनुष्य में 23 जोड़े अर्थात् 46 गुण सूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 22 जोड़े अलिंगी गुण सूत्र और 23वां जोड़ा लिंगी गुण सूत्र कहलाता है। नर में XY गुण सूत्र और मादा में XX गुण सूत्र होते हैं। प्रजनन कोशिका के निरंतर विभाजन से ही जनन संभव हो पाता है। जब लैंगिक जनन की प्रक्रिया में संतति की रचना होती है तब नर और मादा उसे समान रूप से आनुवंशिक पदार्थ प्रदान करते हैं। इसी कारण संतति में नर और मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।

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